आज के समय में गाड़ियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और साथ ही उनके स्पेयर पार्ट्स भी महंगे होते जा रहे हैं। बहुत से लोगों को पुरानी गाड़ियों के पार्ट्स की जरूरत होती है, लेकिन मार्केट में वो पार्ट्स मिलते नहीं हैं या बहुत महंगे होते हैं। ऐसे में एक शानदार बिजनेस आइडिया सामने आता है
🚗पुरानी गाड़ियों से जरूरी पार्ट्स निकालकर सेकंड हैंड के तौर पर बेचना-
यह बिजनेस न सिर्फ कम निवेश में शुरू किया जा सकता है, बल्कि इसमें कबाड़ी और मैकेनिक का नेटवर्क बनाकर रेगुलर इनकम भी हो सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बिजनेस को कैसे शुरू करें, क्या-क्या चाहिए और इसमें कमाई के रास्ते क्या हैं।
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यह बिजनेस काम कैसे करता है?
इस बिजनेस का बेसिक आइडिया बहुत ही सिंपल है:
1. कबाड़ियों से संपर्क करें – जहां पुरानी, एक्सीडेंटल या कबाड़ गाड़ियां आती हैं।
2. उन गाड़ियों से जरूरी पार्ट्स निकलवाएं – जैसे इंजन पार्ट, गियर बॉक्स, लाइट्स, विंडो मोटर, बंपर, सीट्स, डोर, स्टीयरिंग, रेडिएटर, AC कम्प्रेसर आदि।
3. उन पार्ट्स को अच्छे से साफ करें, टेस्ट करें और रख लें।
4. मैकेनिक से संपर्क बनाए रखें – जो अपने ग्राहकों के लिए पुराने पार्ट्स की तलाश में रहते हैं।
5. जब किसी मैकेनिक या ग्राहक को कोई सेकंड हैंड पार्ट चाहिए और नया पार्ट मिल नहीं रहा या बहुत महंगा है, तब आप उनसे संपर्क कर पार्ट बेच सकते हैं।
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कस्टमर सेकेंड हैंड पार्ट्स डलवाना क्यों पसंद करते है
क्योंकि नये ओरीजनल पार्ट्स महंगे मिलते है। सस्ते पार्ट्स नोकल होते है जो बेकार होते है। और कुछ पुरानी गाड़ीयो के पार्ट्स तो मिलते ही नहीं और सेकेंड हैंड पार्ट्स ओरीजनल भी सस्ते मिल जाते है और पुरानी गाड़ीयो के लिए भी मिल जाते है इसलिए कस्टमर सेकेंड हैंड पार्ट्स ज्यादा खरीदते है।
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इस बिजनेस को शुरू करने के फायदे
कम लागत में शुरू किया जा सकता है – शुरुआत में सिर्फ नेटवर्किंग और थोड़ी-सी जगह की जरूरत है।
हाई डिमांड है – सेकंड हैंड पार्ट्स की डिमांड बहुत ज़्यादा है, खासकर पुरानी गाड़ियों के लिए।
लॉन्ग टर्म बिजनेस – गाड़ियां हमेशा कबाड़ होती रहेंगी और पार्ट्स की डिमांड बनी रहेगी।
पैसिव इनकम का जरिया – एक बार नेटवर्क सेट हो जाए तो आप मैकेनिक और कबाड़ी के बीच ब्रोकर की तरह भी काम कर सकते हैं।
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बिजनेस कैसे शुरू करें – Step by Step गाइड
1. कबाड़ी वालों से संपर्क करें
शहर में कई कबाड़ी होते हैं जो पुरानी गाड़ियां खरीदते हैं या स्क्रैप में लाते हैं। उनसे दोस्ती बनाएं और उनसे कहें कि जब भी कोई पुरानी गाड़ी आए, तो आपको कॉल करें ताकि आप जरूरी पार्ट्स निकलवा सकें।
> 🔧 टिप: कबाड़ी को आप मुनाफे में से कमीशन भी दे सकते हैं जिससे वह और ज्यादा मोटिवेट होगा।
2. पार्ट्स की पहचान करें
हर गाड़ी में कुछ पार्ट्स ऐसे होते हैं जो बहुत डिमांड में होते हैं:
हेडलाइट, टेललाइट, इंडिकेटर
स्टीयरिंग और डैशबोर्ड
इंजन कंपोनेंट्स (पिस्टन, गियरबॉक्स, बेल्ट्स)
गाड़ी की सीट्स, दरवाज़े, शीशे
विंडो मोटर, AC यूनिट
बैटरी, अल्टरनेटर, स्टार्टर
इन पार्ट्स को पहचानें, टेस्ट करें और अच्छी हालत वाले पार्ट्स को ही रखें।
3. स्टोरेज और रिपेयर की व्यवस्था करें
आपको एक छोटी-सी जगह चाहिए जहाँ ये पार्ट्स सुरक्षित रखे जा सकें। चाहें तो एक छोटा गोदाम या दुकान किराए पर लें। पार्ट्स को धोकर, पॉलिश करके अच्छे से पैक करके रखें ताकि ग्राहक को लगे कि यह प्रॉपर मेंटेन किया गया है।
4. मैकेनिक का नेटवर्क बनाएं
ऑटो रिपेयर शॉप, गैरेज और मैकेनिक से संपर्क करें और उन्हें बताएं कि आपके पास पुरानी गाड़ियों के अच्छी हालत वाले पार्ट्स मिलते हैं। उनसे कहें कि जब भी किसी पार्ट की जरूरत हो, आपसे संपर्क करें।
> 🔧 स्मार्ट तरीका: एक विज़िटिंग कार्ड या WhatsApp कैटलॉग बनाएं जिसमें आपके पास उपलब्ध पार्ट्स की लिस्ट हो।
5. पार्ट्स ऑनलाइन भी बेचें
आप OLX, Quikr, Facebook Marketplace जैसी साइटों पर भी पार्ट्स लिस्ट कर सकते हैं। इससे आपकी रीच और बढ़ेगी और जो पार्ट्स लोकल में नहीं बिक रहे हैं वो दूसरे शहरों में भी बिक सकते हैं।
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कमाई कैसे होगी?
अब बात करते हैं इस बिजनेस में कमाई की। उदाहरण के लिए:
एक गाड़ी की हेडलाइट नई ₹3000 की आती है।
वही पुरानी गाड़ी से निकली हेडलाइट ₹1000–₹1500में आराम से बिक जाती है।
आप अगर ऐसी 20 हेडलाइट महीने में बेचते हैं तो कम से कम ₹20,000–₹30,000 कमा सकते हैं।
अब सोचिए अगर आपके पास इंजन, डोर, विंडो मोटर, गियरबॉक्स जैसे महंगे पार्ट्स भी हैं तो आपकी इनकम महीने में ₹50,000 से ₹1 लाख तक भी जा सकती है।
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इसमें कौन-कौन मदद कर सकता है?
कबाड़ीवाले – पुराने वाहन की जानकारी और पार्ट निकालने के लिए।
मैकेनिक – ग्राहक तक पार्ट्स पहुँचाने के लिए।
ऑटो पार्ट रिपेयर करने वाला व्यक्ति – पार्ट्स को साफ-सुथरा और वर्किंग कंडीशन में लाने के लिए।
डिजिटल मार्केटिंग – OLX, WhatsApp, YouTube Shorts या इंस्टाग्राम से ग्राहक जोड़ने के लिए।
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सरकार या नियमों का ध्यान रखें
अगर आप बड़ी स्केल पर काम करने वाले हैं तो कुछ राज्यों में वाहन डिसमेंटलिंग (Scrap Policy) का पालन करना जरूरी हो सकता है।
इसलिए RTO या लोकल प्रशासन से संपर्क करके पता करें कि आपको कोई लाइसेंस की जरूरत तो नहीं है।
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सफल होने के लिए टिप्स
हमेशा वेरिफाई करें कि पार्ट सही से काम कर रहा है।
ग्राहक को ट्रस्ट दिलाने के लिए फोटो और वीडियो भेजें।
पार्ट्स को साफ और लेबलिंग के साथ स्टोर करें।
समय-समय पर मैकेनिक और कबाड़ी से संपर्क करते रहें।
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निष्कर्ष:
एक शानदार बिजनेस जो हर शहर में चल सकता है
पुराने वाहनों के जरूरी पार्ट्स को निकालकर सेकंड हैंड के तौर पर बेचना एक कम लागत वाला और हाई प्रॉफिट वाला बिजनेस है। इसमें ज़रूरत है सिर्फ थोड़ी मेहनत, कुछ सही नेटवर्किंग और थोड़ी समझदारी की।
अगर आप
कबाड़ी और मैकेनिक के साथ सही तालमेल बना लेते हैं, तो महीने में ₹30,000 से ₹1 लाख तक की कमाई संभव है। और सबसे बड़ी बात – इस बिजनेस की डिमांड कभी खत्म नहीं होने वाली!
शानदार