आज की दुनिया में जब हर कोई तनाव और प्रदूषण से परेशान है, तो ऐसे में हरियाली और प्रकृति की ओर लौटना एक सुखद अनुभव बन गया है। लोग अपने घरों, ऑफिसों और आस-पास के वातावरण को हरा-भरा बनाने के लिए पौधों और फूलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे समय में एक ऐसा बिजनेस जो हरियाली से जुड़ा हो, शांति भी दे और कमाई का जरिया भी बने, वो है “फूलों के पौधों की नर्सरी”।
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🌷🪴फूलों और पौधौं की नर्सरी क्या होती है?
फूलों और पोघौ की नर्सरी एक ऐसा स्थान होता है जहाँ विभिन्न प्रकार के फूलों, सजावटी, औषधीय और फलदार पौधों को बीजों या कटिंग से उगाया जाता है। इन्हें अच्छे से तैयार कर बेचने के लिए मार्केट या सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राहकों तक पहुंचाया जाता है। इस व्यवसाय की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे अपने घर के आँगन, छत या किसी खाली ज़मीन पर बहुत ही कम लागत में शुरू कर सकते हैं। आप इसे शहर हो या गांव कही भी शुरू कर सकते हो।
🧑🌾इस बिजनेस को क्यों शुरू करें?
1. बढ़ती हुई मांग:
आजकल इनडोर और आउटडोर प्लांट्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। लोग डेकोरेशन, वास्तु और पर्यावरणीय लाभ के लिए पौधे खरीद रहे हैं।
2. कम लागत में शुरुआत:
शुरुआत में मिट्टी, बीज, गमले और खाद जैसी कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता होती है जो आसानी से मिल जाती हैं।
3. सरकारी सहायता उपलब्ध:
केंद्र और राज्य सरकारें इस व्यवसाय के लिए सब्सिडी, ट्रेनिंग और लोन की सुविधा देती हैं।
4. प्राकृतिक लगाव:
यह व्यवसाय सिर्फ पैसे का नहीं बल्कि प्रकृति से जुड़ने का भी माध्यम है।
5. सोशल मीडिया पर ब्रांडिंग आसान:
अगर आप सोशल मीडिया का सही उपयोग करें तो बहुत जल्दी अपने ब्रांड को स्थापित कर सकते हैं।
🏝️बिजनेस शुरू करने के लिए ज़रूरी चीज़ें:
1. जगह का चुनाव:
शुरुआत के लिए 500 से 1000 वर्ग फीट जगह पर्याप्त है। यह छत, आँगन या कोई किराए की ज़मीन हो सकती है।
2. बीज और पौधों की किस्में:
सजावटी पौधे: गुलाब, गेंदा, चमेली, सूरजमुखी, डहेलिया
इनडोर प्लांट्स: स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, एलोवेरा
औषधीय पौधे: तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय
फलदार पौधे: अमरूद, नींबू, अनार
3. गमले और ट्रे:
प्लास्टिक, मिट्टी और सिरेमिक के गमले बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। आप कोकोपॉट या बायोडिग्रेडेबल गमले भी प्रयोग कर सकते हैं।
4. खाद और मिट्टी:
वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद और बगीचे की मिट्टी का संतुलन बनाकर पौधों के लिए उत्तम माध्यम तैयार किया जा सकता है।
5. सिंचाई की व्यवस्था:
पानी की टंकी, पाइप या ड्रिप इरिगेशन सिस्टम की व्यवस्था करना ज़रूरी है।
6. शेड नेट और धूप-छांव की व्यवस्था:
कुछ पौधों को सीधी धूप नहीं चाहिए होती, उनके लिए शेड नेट की व्यवस्था जरूरी होती है।
💸कमाई कितनी हो सकती है?
अगर आप महीने में 1000 पौधे तैयार करते हैं और हर पौधा ₹70 से ₹80 में बिकता है तो मासिक आमदनी ₹70,000 से ₹80,000 हो सकती है।
अगर आप ऑनलाइन बिक्री, गिफ्ट पैकिंग, मोबाइल नर्सरी और हाउस प्लांट डेकोरेशन जैसी सेवाएं जोड़ते हैं, तो यह आमदनी ₹1.5 लाख से भी ऊपर जा सकती है।
ओनलाइन (watsapp, facebook, Instagram) पर ग्राहकों के ओर्डर लेकर उन्हें ओनलाइन डिलीवरी करवा दें।
🛻घूम-घूमकर पौधे बेचने का नया तरीका: मोबाइल नर्सरी
अगर आपके पास ई-रिक्शा, ठेला या छोटा वाहन है, तो आप उसे एक चलती-फिरती नर्सरी में बदल सकते हैं। इसे “मोबाइल नर्सरी” कहा जाता है। इसमें आप अपने पौधों को सुंदर तरीके से सजा कर सुबह-शाम अपार्टमेंट, पार्क, स्कूल, मंदिर या ऑफिस एरिया में जाकर बेच सकते हैं। इससे न केवल आपकी बिक्री बढ़ेगी बल्कि आपके पौधों की मार्केटिंग भी सीधे ग्राहक तक पहुंचेगी।
इसके साथ साथ आप इसे ई-रिक्शा या गाड़ी से पास मे किसी दुसरे शहर या गांव में जाकर भी बेच सकते है इससे आपके आस पास के शहर या गांव में आपके पौधौ की मार्केटिंग हो जाएगी।
📲सोशल मीडिया से बढ़ाएं बिक्री और पहचान
1. Instagram और Facebook पेज बनाएं: हर पौधे की फोटो, देखभाल की टिप्स और वीडियो डालें।
2. Reels और Shorts बनाएं: जैसे – “घर को पॉजिटिव वाइब्स देने वाले 5 पौधे” या “इस पौधे से मिलेगा शुद्ध ऑक्सीजन।”
3. WhatsApp Business का इस्तेमाल करें: पुराने ग्राहकों को अपडेट भेजें, नए ऑर्डर लें और रेट लिस्ट शेयर करें।
4. YouTube चैनल शुरू करें: पौधों की देखभाल, रोपण और सजावट के तरीकों पर वीडियो बनाएं।
5. लोकल Facebook ग्रुप और WhatsApp ग्रुप्स में जुड़ें: यहाँ से भी आपको बहुत ग्राहक मिल सकते हैं।
✅इस बिजनेस का एक बहुत बड़ा फायदा
यदि आप इस तरह के पौधा लगाते हुए,उनकी देखभाल करते हुए और उनको बेचते हुए विडियो बनाकर सोशल मीडिया (YouTube, facebook, Instagram आदि) पर डालोगे तो आप वहां से भी पैसा कमा सकते हो। क्योंकि लोगो को पौधा लगाने वाले विडियो बहुत पसंद आते है। लोग आपको प्रकृति प्रेमी मानेंगे और इससे आपकी सोशल मीडिया पर भी अच्छी खासी फोलोविंग होगी। तो आपको सोशल मीडिया से भी पैसा मिलेगा।
और इससे आपके घर में रोज हजारों पौधे होंगे जिससे आपको शुद्ध ओक्सीजन भी मिलेगी और आप ज्यादा स्वस्थ्य रहोगे
🏦सरकार से मिलने वाली सहायता:
भारत सरकार द्वारा बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं:
1. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM):
पौधशाला की स्थापना पर सब्सिडी
शेड नेट, पॉट, सिंचाई सिस्टम पर सहायता
बागवानी से संबंधित ट्रेनिंग
2. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:
50 हजार से 10 लाख रुपये तक बिना गारंटी लोन
3. MSME योजना:
नर्सरी को एक माइक्रो यूनिट के रूप में रजिस्टर कर सब्सिडी और अन्य लाभ ले सकते हैं।
📝कैसे करें आवेदन?
अपने जिले के कृषि अधिकारी या जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क करें।
kvk.icar.gov.in पर जाकर संबंधित केंद्र की जानकारी लें।
राज्य की कृषि या बागवानी विभाग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरें।
बिजनेस को कैसे बढ़ाएं?
1. बर्ड हाउस, प्लांटर और डेकोरेटिव आइटम्स भी बेचें।
2. गार्डन डेकोरेशन सर्विस शुरू करें।
3. प्लांट गिफ्टिंग (शादी, जन्मदिन आदि के लिए)।
4. कॉर्पोरेट गिफ्टिंग में बायोडिग्रेडेबल पौधे बेचें।
5. स्कूलों और संस्थाओं से संपर्क कर बुकिंग लें।
6. सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा प्रचार करे।
7. ज्यादा लोगों से संपर्क रखे।
⚒️कुछ जरूरी उपकरण:
ट्रे और पॉट्स
मिट्टी छानने की छलनी
स्प्रेयर और पाइप
तख्ते और स्टैंड
लेबलिंग टैग
❓FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
Q. क्या बिना खेती की जमीन पर यह बिजनेस हो सकता है?
हाँ, आप इसे छत, बालकनी या किराए की जमीन पर भी शुरू कर सकते हैं।
Q. क्या गर्मी और सर्दी में पौधों को नुकसान होता है?
अगर आप सही ढंग से देखभाल करें और समय पर खाद-पानी दें, तो पौधे सभी मौसम में सुरक्षित रहते हैं।
Q. क्या यह पार्ट टाइम भी किया जा सकता है?
हाँ, आप इसे ऑफिस या अन्य काम के साथ भी शुरू कर सकते हैं।
⬇️निष्कर्ष
फूलों के पौधों की नर्सरी न सिर्फ एक पर्यावरण प्रेमी बिजनेस है, बल्कि यह समाज में हरियाली और पॉजिटिविटी फैलाने का एक बेहतरीन जरिया भी है। कम लागत, सरकारी सहायता, सोशल मीडिया की ताकत और लोगों का नेचर प्रेम – ये सभी इसे एक सफल व्यवसाय बनाते हैं।
अगर आप भी हरियाली से प्यार करते हैं और कुछ अलग करने की चाह रखते हैं, तो आज ही इस व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाइए और बन जाइए हरियाली वाले उद्यमी।